Saturday 7 February 2015

राज्य में शिक्षक भर्ती पर रोक

 सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वर्षवार नियुक्ति के फामरूल के खिलाफ याचिका स्वीकार की
पद आपदा प्रभवित जिलों के लिए सृजित करने की है तैयारी
पद हैं रिक्त मौजूदा 2794 पदों पर भर्ती प्रक्रिया के
नए पद भी सृजित कर चुकी है हाल में सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने भले ही बेसिक शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी है, लेकिन यदि सरकार सोई न रहती तो 655 बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती थी। पिछले साल सितंबर में 2794 पदों पर हुई भर्ती में खाली रह गए 266 पदों पर देर पर देर की जाती रही। अब भी अफसरों ने हायर मेरिट वालों को मनपसंद तैनाती स्थल का पेंच फंसा दिया है। इससे यह प्रक्रिया और भी लटक गई। यही हाल नवसृजित 389 पदों का भी है। डेढ महीने से अफसर इन पदों पर भर्ती का फामरूला ही तलाश रहे हैं।

मेरी जानकारी में भी आया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकार का फैसला दिया है। अभी मुङो पूरी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।एस. राजू, अपर मुख्य सचिव-विद्यालयी शिक्षा
देहरादून ’ प्रमुख संवाददातासुप्रीम कोर्ट ने राज्य के सरकारी बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी। बेसिक शिक्षकों के 2794 पदों पर मेरिट के बजाए वर्षवार फामरूले के आधार पर भर्ती करने के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है। साथ ही मेरिट पर भर्ती करने के बेसिक शिक्षा विभाग की नियमावली के प्रावधान के उल्लंघन पर राज्य सरकार से एक महीने में जवाब दाखिल करने को कहा है। यह फैसला वेटिंग और नई प्रस्तावित भर्तियों पर लागू होगा। जिन मामले में नियुक्ति पत्र जारी हो चुके हैं, वो इस फैसले के दायरे से बाहर रहेंगे। दिल्ली में शिक्षा विभाग के अधिवक्ता डीके गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पुष्टि की। इस फैसले से बेसिक शिक्षकों केकरीब 1505 पदों पर भर्ती की तैयारी खटाई में पड़ गई है। बीएड टीईटी मेरिट संघ ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि विभागीय नियमावली के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया मेरिट के आधार पर होनी चाहिए। जबकि विभाग ने मनमाने ढंग से वर्षवार नियुक्ति का फामरूला लागू कर दिया। यह मामला पहले हाईकोर्ट में आया था। यहां शिक्षा विभाग वर्षवार नियुक्ति के फामरूले पर जीत गया था। 30 जनवरी को संघ की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करते हुए मौजूदा नियुक्ति प्रक्रियाओं को रोक दिया है। संघ के अध्यक्ष चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मेरिट वाले बेरोजगारों को न्याय की उम्मीद बंधी है।

साभार-दैनिक हिंदुस्तान देहरादून 
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