Friday 13 April 2012

राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों में औसत कद में कमी

खुलासा : जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों के अध्ययन में तथ्य आया सामने
प्रवेश कुमारी - पहाड़वासियों के लिए सैन्य, सरकारी सेवाओं में कद को लेकर मिल रही छूट का दायरा और बढ़ाए जाने की जरूरत है।
इसकी वजह यह कि वह ‘छोटे’ हो रहे हैं। राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों में औसत कद में कमी दर्ज की गई है। भारतीय मानव सर्वेक्षण की तरफ से चल रहे जनजातीय सर्वेक्षण के दौरान यह औसत कद 156 से लेकर लगभग 164 सेंटीमीटर के बीच दर्ज किया गया है। अभी तक हिमालयी क्षेत्र में पायी जाने वाले लुशाई समेत अन्य जनजातियों में औसत कद 163 सेंटीमीटर से लेकर 170 सेंटीमीटर तक रहा है। 25 से भी अधिक सालों से इस औसत को स्वीकार किया जाता रहा है। ज्ञात हो कि हाल ही में सेना भर्ती रैली के दौरान छूट के बावजूद तकरीबन 16 सौ युवाओं का ख्वाब इसलिए टूट गया, क्योंकि वह निर्धारित 166 सेंटीमीटर के निशान तक नहीं पहुंच सके। इससे पहाड़ वासियों को और छूट दिए जाने का सवाल उठने लगा है। छोटा कद पहाड़वासियों के लिए और परेशानी खड़ी कर सकता है। हालांकि जनजातीय क्षेत्र के निवासियों के फिजियोलाजिकल पैरामीटर्स की जांच को अंजाम देने वालीं भारतीय मानव सर्वेक्षण की पोस्ट डॉक्टरल फैलो डा. प्रियंका सिंह का मानना है कि सैंपल बेहद छोटा है अभी इस दिशा में और अध्ययन की आवश्यकता है। उनके मुताबिक अभी डाटा कलेक्शन की प्रक्रिया जारी है। पूरी तरह निष्कर्ष पर पहुंचने में अभी लगभग पांच साल और लगेंगे। बीती 18-21 मार्च के दौरान लिए गए आंकड़े जनजातिऊंचाई का औसतवजन बोक्सा161.4561.43 भोटिया158.0965.61 थारू164.6165.11 जौनसारी162.6269.44 राजी156.3356.52 नोट : ऊंचाई को सेंटीमीटर, जबकि वजन को किलोग्राम में आंका गया है। क्या हैं कारण •खान-पान •रहन-सहन में तब्दीली •जलवायु का असर
(प्रवेश कुमारी - अमरउजाला देहरादून  )

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