Tuesday 13 September 2011

मातृशक्ति के हौसले ने लिखी नई कहानी

कर्णप्रयाग। -वन माफिया के सामने लाचार दिखने वाले निजाम के लिए पहाड़ की मातृशक्ति ने एक मिसाल कायम की है।कर्णप्रयाग के गांव में वन माफिया के हौसले पस्त करते हुए विकसित कर दिया हरा-भरा मिश्रित वन ,अन्य कुरीतियों पर भी कसी लगाम
 सुदूर गांव की महिलाओं ने इच्छाशक्ति के दम पर न सिर्फ वन माफिया केहौसले पस्त किए वरन एक भरा पूरा जंगल तक विकसित कर दिया। इससे जहां पशुओं के चारे का इंतजाम हुआ वहीं नष्ट हो रहा पर्यावरण भी बच गया।यह अनूठी पहल की कर्णप्रयाग विकासखंड के पुड़ियाणी गांव की महिलाओं ने। गांव की बुजुर्ग शाकंबरी देवी, उमा देवी और वेलमती देवी कहती हैं कि अर्से से माफिया वनों का बड़े पैमाने पर अवैध पातन कर रहे थे। इससे पशुओं चारे के साथ ही पर्यावरण का संकट पैदा हो गया था। लिहाजा महिलाओं ने अपना वन विकसित करने की ठानी। तकरीबन तीस साल महिलाओं ने पहले इस पुनीत कार्य की नींव रखी। अस्सी के दशक में गांव की महिलाओं ने बिना किसी बाहरी मदद के सिविल और वन पंचायत भूमि पर बांज, बुरांस, अग्ंयार, काफल सहित अन्य कई प्रजातियों के पेड़ लगाने शुरू किए। आज सिविल सोयम के 142 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस जंगल में खड़े करीब दस लाख से अधिक हरे-भरे पेड़ इन महिलाओं की जीवटता को खुद बयां कर रहे हैं। इस अभियान से पुड़ियाणी की महिलाओं का कहना है कि वन विकसित करने में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। इस जंगल को माफिया से बचाने की चुनौती भी सामने थी। इच्छाशक्ति का आलम यह रहा कि महिलाओं ने जंगल की सुरक्षा के लिए आपस में चंदा करके चौकीदार रखा। शुरू में हर महिला ने दो रुपये चंदा करके चौकीदार को मेहनताना दिया। उस वक्त सेवानिवृत्त सिपाही पूर्ण सिंह नेगी चौकीदारी की। वर्तमान में हर महिला 20 रुपये प्रतिमाह चंदा करके चौकीदार को दे रही है। महिला मंगल दल, पुड़ियाणी की अध्यक्षा हेमा देवी और पूर्व अध्यक्षा गायत्री देवी सहित जनप्रतिनिधि दिव्यदर्शन नेगी बताते हैं कि शराब का प्रचलन, जुआ सहित अन्य कुरीतियों पर भी महिलाओं ने लगाम कसी है। अवैध शराब बेचेने पर तीन हजारा और गांव की शांति भंग करने की दशा में एक हजार रुपये का जुर्माना महिलाओं ने तय कर रखा है।
केंद्र सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में राष्ट्रीय स्त्री शक्ति पुरस्कार दिया जाता है। प्रशासन इस पुरस्कार के लिए पुड़ियाणी महिला मंगल दल का प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेज रहा है। शासन की कमेटी इस पर निर्णय लेने के बाद केंद्र सरकार को भेजेगी।- डा. ललित नारायण मिश्रा, एसडीएम, कर्णप्रयाग

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