Wednesday 1 June 2011

आवेदन पत्रों की बिक्री से सरकारी तिजोरी फुल

पीसीएस व एलटी के आवेदन पत्रों की बिक्री से वसूले चार करोड़ 36 लाख रुपये समूह ‘ग’ के लिए 10 करोड़ से अधिक का लक्ष्य निर्धारित आवेदन शुल्क की राशि बढ़ने से आवेदक असमंजस में देहरादून।- पढ़े-लिखे बेरोजगारों को सरकारी महकमों में रोजगार मुहैया कराने के नाम पर प्रदेश में चोखा धंधा चल रहा है। रोजगार के लिए निर्धारित आवेदन पत्रों की ब्रिकी से सरकार की तिजोरी में करोड़ों की राशि जमा हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य अधीनस्थ सिविल सेवा (पीसीएस) व एलटी प्रशिक्षित परीक्षा के आवेदन पत्रों की बिक्री से राज्य सरकार के खाते में चार करोड़ से अधिक की राशि जमा हुई है। इनमें पीसीएस के आवेदन पत्रों की बिक्री से सरकारी महकमों ने 66 लाख 80 हजार रुपये और एलटी के आवेदन पत्रों की बिक्री से तीन करोड़ 70 लाख रुपये जुटाए हैं। अगला लक्ष्य है समूह ‘ग’ की सम्मिलित भर्ती प्रक्रिया का। बताया जा रहा है कि समूह ग के आवेदन पत्रों की बिक्री से सरकारी महकमों ने बेरोजगारों (आवेदकों) से 10 करोड़ से अधिक की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा है। बेरोजगारों को सरकारी महकमों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश में वर्तमान में समूह ग के अंतर्गत आने वाले दो हजार से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आवेदकों की बढ़ती संख्या को मद्देनजर प्राविधिक शिक्षा परिषद रुड़की ने आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि चार जून से बढ़ाकर 20 जून तक कर दी है। समूह ग की भर्ती प्रक्रिया से कुछ समय पहले पीसीएस व एलटी परीक्षा के लिए राज्य में आवेदन पत्रों की खूब बिक्री हुई। करीब 16 सौ एलटी प्रशिक्षितों के चयन के लिए प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। जबकि पीसीएस के अंतर्गत आने वाले 171 रिक्त पदों के लिए प्रारम्भिक परीक्षा फिलहाल विचाराधीन है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीसीएस व एलटी के आवेदन पत्रों की बिक्री से सरकार की तिजोरी भरी है। पीसीएस के लिए कुल 32 हजार आवेदन पत्र बिके हैं। पीसीएस के लिए सामान्य, ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के आवेदन पत्रों की बिक्री (निर्धारित शुल्क) से सरकार के खाते में 66 लाख 80 हजार रुपये जमा हुए। इसी तरह शिक्षा विभाग में एलटी प्रशिक्षतों के आवेदन पत्रों की ब्रिकी से तीन करोड़ 70 लाख रुपये जुटाए गए। एलटी के लिए कुल 52 हजार आवेदन पत्रों की बिक्री हुई। इस हिसाब से पीसीएस व एलटी की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क के तौर पर बेरोजगारों से चार करोड़ 36 लाख 80 हजार रुपये की राशि वसूली गई। आवेदकों से लिखित परीक्षा के दौरान प्रश्न पुस्तिका, उत्तर पत्रक, प्रवेश पत्र जारी करने व लिखित परीक्षा केंद्र आवंटित करने के लिए आवेदन शुल्क लिया जाता है। लेकिन अभी तक न तो एलटी की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ और न ही पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा का मसौदा तैयार हुआ। प्राविधिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों का दावा है कि एलटी की लिखित परीक्षा के नतीजे जल्द घोषित कर दिए जाएंगे। आवेदन पत्रों की बिक्री से सरकारी तिजोरी फुल डाक विभाग भी काट रहा चांदी आवेदन पत्रों की बिक्री से राज्य सरकार ही नहीं भारतीय डाक विभाग भी खूब चांदी काट रहा है। डाक विभाग आवेदन पत्रों की बिक्री के लिए आवेदन शुल्क के अतिरिक्त डाक व्यय वसूलता है। डाक विभाग ने प्रति आवेदन पत्र की बिक्री के लिए 40 रुपये का डाक चार्ज निर्धारित किया है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीसीएस व एलटी के आवेदन पत्रों की बिक्री से डाक विभाग ने भी 32 लाख रुपये का चोखा व्यवसाय किया। पीसीएस के आवेदन पत्रों की बिक्री से विभाग को डाक चाज्रेज के रूप में 11 लाख 20 हजार रुपये और एलटी के आवेदन पत्रों की बिक्री से 20 लाख 80 हजार रुपये वसूले हैं।

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