Tuesday 20 April 2010

धार्मिक पर्यटन को जल्द लगेंगे पंख

-कई धार्मिक स्थलों पर हेलीपैड बनने की पूरी संभावना -हेलीकाप्टर सेवाएं शुरू करने के लिए कंपनियां भी हैं संपर्क में -उत्तराखंड का पर्यटन जल्द ही उडऩखटोले पर सवार होने वाला है। इस बार के पर्यटन सीजन में हेलीपर्यटन के उड़ान भरने की पूरी संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि चारों धामों और हेमकुंड साहिब में हेलीपैड बनाने की कवायद रंग लाने वाली है। महासू देवता के मंदिर तक भी उडऩखटोला पहुंचाने की कवायद की जा रही है। इनमें से कुछ जगहों पर तो हेलीपैड बन भी चुके हैैं, जबकि कुछ अन्य स्थानों पर हेलीपैड बनाने के लिए प्रपोजल स्वीकृत हो गए हैैं। राज्य सरकार के अपने हेलीपैडों के निर्माण के बाद सैन्य हेलीपैड पर अब तक रही निर्भरता समाप्त हो जाएगी। यूं तो देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां सदा से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं को लुभाती रही हैैं। लेकिन केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन देश के करोड़ों लोगों के लिए आध्यात्मिक संतोष का एक बड़ा माध्यम है। इसके साथ ही हेमकुंट साहिब के दर्शन के लिए भी हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैैं। इनमें से केदारनाथ में तो राज्य सरकार के दो अपने हेलीपैड हैैं। पर बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अपने हेलीपैड नहीं हैैं। इसके चलते यहां तक हैलीकाप्टर के जरिए पहुंचने के लिए सेना के हेलीपैड का इस्तेमाल किया जाता है। सेना के हेलीपैड होने के चलते अक्सर यहां पर लैैंडिंग की परमीशन मिलने में दिक्कतें आती रहती हैैं। प्रमुख सचिव नागरिक उड्डयन पीसी शर्मा के मुताबिक केदारनाथ में पहले से कार्य कर रहे दो हेलीपैड के अतिरिक्त एक और हेलीपैड प्रस्तावित किया गया है। वहीं, बदरीनाथ में अब तक आर्मी के हेलीपैड से काम चलाया जा रहा था। यहां पर वन विभाग से जमीन आदि की सहमति मिल गई है अब हेलीपैड निर्माण शुरू किया जाएगा। इसी प्रकार, गंगोत्री से पहले हर्षिल में सेना के हेलीपैड से अभी काम चलाया जा रहा है। यह हेलीपैड सड़क से दूर भी है। अब हर्षिल में मुख्यमार्ग के समीप ही हेलीपैड तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार यमुनोत्री से पांच किमी पहले खरसाली में हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, हेमकुंट साहिब के लिए फिलहाल घांघरिया में हेलीपैड है। घांघरिया से हेमकुंट साहिब पहुंचने के लिए छह किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है। जिससे श्रद्धालुओं को यहां तक पहुंचने में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। हेमकुंट साहिब में पहले एक प्राइवेट फर्म ने हेलीपैड के लिए संभावना तलाशी थी। उसकी तरफ से प्रपोजल भी दिया गया था। पर अब यहां पर राज्य सरकार की तरफ से ही हेलीपैड निर्माण का कार्य करने की योजना है। श्री शर्मा के मुताबिक चारों धामों और हेमकुंट साहिब में बिना किसी रोक-टोक के हैलीकाप्टर उतरने की सुविधा मिलते ही उत्तराखंड के हेलीपर्यटन का काफी विस्तार हो जाएगा।

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