Friday 12 March 2010

विक्टोरिया क्रास विजेता के गांव को विकास की दरकार

-कफारतीर गांव को नहीं जोड़ा जा सकता है मोटरमार्ग से -स्वीकृत पांच मोटरमार्गों को निर्माण कार्य अधर में -आरपार की लड़ाई लडऩे को ग्रामीणों ने गठित की समिति गोपेश्वर (चमोली) जिसके पराक्रम और शौर्य को ब्रितानी हुकूमत ने भी सलाम ठोका, ऐसे भारतीय वीर की जन्मस्थली आजाद भारत में सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रही है। उपेक्षा का आलम यह है कि इस वीर सपूत के परिजनों व वंशजों को अब मोटरमार्ग के निर्माण की मांग को लेकर आगामी एक अप्रैल से हाइवे जाम करने का निर्णय लेना पड़ा। बात हो रही है विक्टोरिया क्रास पदक से सम्मानित सूबेदार स्वर्गीय दरबान सिंह की जन्मस्थली कफारतीर (पटटी कड़ाकोट विकासखंड नारायणबगड़) की। दरबान सिंह का जन्म नवंबर 1887 में कफारतीर गांव में हुआ था। मात्र सोलह वर्ष की आयु में ही वह वर्ष 1903 में लैंसडौन जाकर फौज में भर्ती हो गए थे। प्रथम विश्व युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व उन्हें नायक पद पर पदोन्नति मिली और वे वर्ष 1914 में 1/39वीं गढ़वाल राइफल बटालियन के साथ फ्रांस की रणभूमि में भेजे गए। विश्व युद्ध में अद्वितीय पराक्रम का परिचय देकर उन्होंने अपनी टोली के सहयोग से न सिर्फ कई जर्मन सैनिकों को मौत के घाट उतारा, बल्कि जर्मनी के कब्जे से एक महत्वपूर्ण टोली को भी मुक्त कराया। इस असाधारण शौर्य प्रदर्शन पर अंग्रेजी सरकार ने उन्हें विक्टोरिया क्रास पदक से सम्मानित किया था। आश्चर्य की बात है कि जिस वीर सपूत दरबान सिंह के असाधारण पराक्रम का लोहा अंग्रेजों ने भी माना, स्वतंत्र भारत में उनकी जन्मस्थली कफारतीर के विकास को तवज्जो नहीं दी जा रही है। उपेक्षा इस कदर है कि आज तक कफारतीर को मोटर मार्ग की सुविधा से नहीं जोड़ा गया है। लंबे समय से मोटरमार्ग की मांग कर रहे ग्रामीणों के सामने अब आंदोलन के सिवाय कोई चारा शेष नहीं रह गया है। आंदोलन के लिए गठित भारत स्वाभिमान उपसमिति के सचिव बलवंत सिंह नेगी 'बेचैनÓ का कहना है कि कफारतीर को सड़क सुविधा से जोडऩे के लिए वर्ष 1958 से अब तक चारों दिशाओं से पांच मोटरमार्ग स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन इन सबका निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे अब तक विक्टोरिया क्रास दरबान सिंह का गांव यातायात सुविधा से वंचित है। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने एक समिति गठित की है, जिसके निर्देशन में आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। आन्दोलन के तहत आगामी एक अप्रैल से सोनला के पास ऋषिकेश- श्रीबदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अनिश्चितकालीन जाम लगाया जाएगा।

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