Tuesday 29 September 2009

-तिमला: बिना फूल का फल

-पशुओं के लिए माना जाता है उत्तम चारा -अन्य फलों की अपेक्षा चार गुना अधिक विटामिन व कैल्शियम से युक्त प्रकृति में विविध प्रकार के पेड़, पौधे, फल, फूल और वनस्पतियां हैं। सभी का अपना महत्व है। इनमें से ऐसा ही एक पेड़ है तिमला यानि जंगली अंजीर। इसके फल को लेकर तमाम चर्चाएं हैं। लोगों में आमधारणा है कि तिमला का फूल नहीं होता, फल ही होता है। सवाल उठता है कि बिना फूल के फल कैसे हो सकता है। आप सही समझो। दरअसल फल की तरह गुच्छों में लगने वाले फूल को ही आम लोग फल समझाते हैं। वैज्ञानिक भी संशय में हैं कि तिमला को इसे फल कहें या फूल। तिमला यानी जंगली अंजीऱ इसे भिन्न-भिन्न जगहों पर तिमला, तिमली और तिमल आदि नामों से जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम फाइकस केरिया है। इसका लेट्रिन नाम औरक्यूलाटा है। इसके पत्तों को चारे के लिए प्रयोग किया जाता है। यह 600 से 1600 मीटर ऊंचाई वाली जगहों पर उगता है। तिमला जंगली अंजीर की सबसे पुरानी प्रजाति है। तिमला की कुछ प्रजातियां ऐसी हैं, जिनके फल पकते नहीं हैं। तिमला के पत्तों को दुधारू पशुओं के लिए उत्तम चारा बताया गया है। इसके पत्ते 15 इंच तक लम्बे तथा चार से बारह इंच तक चौड़े होते हैं। जीबी पंत कृषि एवं वानिकी विश्वविद्यालय़ रानीचौरी के वनस्पति वैज्ञानिक डा. वीके शाह का कहना है कि तिमला के पेड़ पर जिसे लोग फल कहते हैं, दरअसल वही फूल होता है। इसके बंद होने की वजह से लोग इसे फल समझाते हैं, जबकि इसके अंदर बीज व केसर होता है। कुछ बारीक कीड़े इसके अंदर घुसकर परागण फैलाने तथा बीजों को पकाने में मदद करते हैं। बीज जब कच्ची अवस्था में होते हैं, उस समय यह हरा होता है और पकने पर लाल भूरा हो जाता है। बीज पकने पर अंदर गाड़ा मीठा पदार्थ निकलता है। लोग इसे फल के रूप में खाते हैं। डा. शाह ने बताया कि इस पर अधिक वैज्ञानिक शोध नहीं हुआ है। इसकी पांच प्रजातियां पता चली हैं। इसके फल में 84 प्रतिशत गूदा व 16 प्रतिशत छिल्का होता है। इसके फलों का मुरब्बा, जैम, जैली भी बनाई जा सकती है। अन्य फलों की अपेक्षा इसमें चार गुना अधिक कैल्शियम विटामिन ए व सी पाया जाता है। वनस्पति वैज्ञानिक डा. केपी सिंह ने बताया कि इसका औषधीय महत्व बहुत अधिक है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। तिमले का ताजा फल खाने से पेट की गर्मी खत्म हो जाती है। इसके पत्तों को पशुओं में दूध बढ़ाने वाला व सर्वोत्तम हरा चारा बताया गया है।

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