Tuesday 30 June 2009

राज्य मंत्रिमंडल विस्तार: हाईकमान की मुहर का इंतजार

अपने मंत्रियों की सूची लेकर मुख्यमंत्री निशंक पहुंचे दिल्ली दरबार पुराने मंत्रिमंडल के कुछ चेहरे बाहर होने की चर्चा नए नामों पर सहमति और संतुलन बनाने की कवायद उक्रांद के कोटे पर अभी भी बरकरार है असमंजस बुधवार तक शपथ न होने की दशा में टल सकता है विस्तार देहरादून राज्य मंत्रिमंडल की नई तस्वीर अभी साफ नहीं हो सकी है। नए मुख्यमंत्री ने पेंसिल से इसका खाका तो खींच लिया है पर इनमें रंग भरने से पहले हाईकमान की इजाजत ली जानी है। डा. निशंक अपने मंत्रियों की सूची लेकर दिल्ली दरबार में चले गए हैं। डा.निशंक के साथ तीन मंत्रियों ने ही मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद से ही भाजपा और मुख्यमंत्री के स्तर पर कैबिनेट गठन को लेकर मंथन का दौर जारी है। दो रोज की कवायद में तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों की सूची तैयार कर ली है। सूत्रों की मानें को इस बार कैबिनेट में कुछ नए चेहरे दिखाई दे सकते हैैं। एक कैबिनेट मंत्री का बाहर जाना तो तय सा माना जा रहा है। कैबिनेट गठन में तमाम सियासी मकसदों के साथ ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश भी की गई है। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैैं कि कहीं कोई विवाद की स्थिति पैदा हो। इससे बचने के लिए हाईकमान की मुहर इस सूची पर लगवाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इस सूची को लेकर डा. निशंक आज दिल्ली रवाना हो गए हैं। सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर सीएम ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सूची दिखाने के साथ ही उनके सुझााव भी लिए हैं। सूची पर हाईकमान की मुहर लगवाने के बाद सीएम कल मंगलवार को राजधानी लौट आएंगे। माना जा रहा है कि कैबिनेट का विस्तार मंगलवार की शाम या फिर बुधवार को सकता है। इसके बाद राजभवन की व्यस्तता महामहिम राष्ट्रपति के प्रवास को लेकर होगी। ऐसे में बुधवार के बाद मामला टल सकता है। 13 जुलाई से बजट सत्र को देखते हुए सरकार अब इस मामले को शायद ही आगे खींचना चाहे। इधर, सरकार को समर्थन दे रहे उक्रांद कोटे पर स्थिति साफ होने में अभी वक्त लग सकता है। उक्रांद ने समर्थन की बात की है पर राजभवन तक अपना पत्र अभी देने में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में माना यही जा रहा है कि पहले मंत्रिमंडल विस्तार में उक्रांद की हिस्सेदारी शायद ही हो सके। पार्टी सूत्रों की माने तो उक्रांद में अभी इस बात पर भी मतभेद पैदा हो गए हैं कि किस विधायक को मंत्री बनवाया जाए। जाहिर है कि उक्रांद को पहले घर में मामला सुलझााना होगा, फिर भाजपा के साथ बैठकर मुद्दों पर चर्चा करनी होगी।

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