Wednesday 24 June 2009

थाली में सजी गहथ की दाल-मंडुवे की रोटी

, उत्तरकाशी सौड़ उत्तराखंड का पहला ऐसा गांव बन गया है जो पर्यटकों को न सिर्फ होम स्टे व्यवस्था उपलब्ध करवा रहा है, बल्कि गढ़वाली व्यंजन व रात्रि में स्थानीय लोक नृत्य व संगीत की महफिल भी सजा रहा है। प्रकृति की सबसे सुंदर घाटी हरकीदून मार्ग पर उत्तरकाशी से 176 किमी दूर उत्तराखंड के सपनों को सजाने वाला गांव सौड़ बसा है। इस गांव से उच्च हिमालय क्षेत्र की हिमाच्छादित चोटी स्वर्गारोहणी, कालानाग, बंदरपूंछ व रंगलाना जैसी सुंदर चोटियां का खूबसूरत रास्ता गुजरता है। ये सभी चोटियां 6,100 से 6,387 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बर्फ से ढ़की चोटियों के साथ इस गांव से हरकीदून घाटी के सम्मोहन सा असर करने वाले पर्यटक स्थलों का रास्ता है। केदारकांठा, भारड़सर, चांगसील, मांजीवण, देवक्यारा जैसे पर्यटक स्थलों पर दूर तलक फैले हरी मखमली घास पर फूलों की खूशबू से महकते बुग्यालों का नजारा देखने के लिए इसी गांव से आगे कदम पर्यटकों के कदम बढ़ते हैं। एक साल पहले तक गांव में पर्यटकों व प्रकृति प्रेमियों को सिर्फ रास्तों से गुजरते हुए देखा जा सकता था, लेकिन अब ग्रामीणों ने पर्यटकों को अपने घरों में रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। गांव को यह प्रेरणा गांव के ही युवक चैन सिंह ने दी। हरकीदून संरक्षण एवं पर्वतारोहण समिति से जुड़े चैन सिंह ने सबसे पहले अपने घर में विश्राम गृह बनाया और पर्यटकों को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाई। रात्रि व दोपहर के भोजन में गढ़वाली व्यंजन फाफरे की पोली, कंडाली की सब्जी, गहथ की दाल, मडुवे की रोटी और जागला परोसना शुरू किया। इससे उन्हें प्रति दिन चार से पांच हजार रुपए की आमदनी हुई। गांव के कुल 75 परिवारों में से अब तक इस व्यवसाय से दस परिवार जुड़ चुके हैं। गांव के प्रदीप रावत, बलवीर रावत, शूरवीर रावत, वचन रावत, भरत रावत, विजेन्द्र रावत, राजमोहन रावत, रजन सिंह, बर्फिया लाल व गंगा सिंह इससे जुड़ चुके हैं। पहले पर्यटकों को सिर्फ होम स्टे व्यवस्था दी जाती थी, अब गांव में हर शाम सांस्कृतिक संध्या भी पर्यटकों के आने की खुशी में आयोजित की जाती है। हर रात यहां ढोल-बाजों व रणसिंगे की टंकार पर गांव की महिलाएं व पुरुष स्थानीय लोककला का प्रदर्शन करते हैं। गांव को कांग्रेस सरकार में पर्यटन गांव भी घोषित किया, घोषणा के बाद सरकार गांव को भूल गई। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरएस यादव का कहना है कि गांव को लेकर अब योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक विभागीय स्तर पर फिलहाल कोई कार्य नहीं हुआ है।

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