Thursday 11 June 2009

उत्तराखंड में राज्यधीन सेवाएं सेवाएं हुईं 'ओपन'

चतुर्थ श्रेणी पद के लिए भी देश का कोई नागरिक कर सकेगा आवेदन उत्तराखंड में राज्यधीन सेवाएं अब पूरे देश के लिए खोल दी गई हैं। चतुर्थ वर्ग के अनारक्षित श्रेणी के पद के लिए भी देश के किसी हिस्से में रहने वाला व्यक्ति आवेदन कर सकता है। अब मूल निवास व स्थायी निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता सिर्फ आरक्षित पदों के लिए ही होगी। ऐसे में उत्तराखंड के निवासियों को लिपिक, जेई, चालक समेत चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा में भाग लेना पड़ेगा। सूबे के कार्मिक विभाग ने एक आदेश में यह व्यवस्था की है। आदेश के मुताबिक राज्याधीन सेवाओं में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति के लिए लंबवत एवं क्षैतिज आरक्षण का लाभ केवल उत्तराखंड के मूल निवासियों को ही मिलेगा। शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय विभागों में सीधी भर्ती के लिए प्रकाशित होने वाले विज्ञप्तियों में सामान्य श्रेणी के लिए भी मूल निवास तथा स्थायी निवास प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की शर्त लगाई जा रही है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सीधी भर्ती के संबंध में सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मूल निवास तथा स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। यह आदेश सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, विभागाध्यक्षों, समस्त जिलाधिकारियों तथा सचिव लोक सेवा आयोग को संबोधित किया गया है। इस आदेश के बाद अब राज्य के अधीन किसी भी सेवा चाहे वह चतुर्थ श्रेणी की ही क्यों न हो, पूरे देश के निवासियों के लिए आवेदन की खुली छूट होगी। मतलब यह हुआ कि चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए भी यहां के लोगों को अब राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना होगा। ऐसे में नई व्यवस्था से स्थानीय एवं जिला स्तर पर विभागों में स्थानीय निवासियों को नौकरी की संभावनाएं बेहद कम हो गईं हैैं।

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