Saturday 6 June 2009

देवभूमि में 'भगवान भरोसे' भगवान

उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में महज औपचारिक इंतजाम के भरोसे सुरक्षा सीसीटीवी कैमरे व मेटल डिटेक्टर्स तो हैं मगर नामालूम कब फंक्शन करते हैं और कब रहते हैं खामोश भगवान न करे ऐसा हो कि उसके ही घर पर किसी की कुदृष्टि पड़े लेकिन यह हकीकत है कि देवभूमि उत्तराखंड में विश्वविख्यात तीर्थस्थलों और मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था लगभग भगवान भरोसे ही है। 'लगभग' इसलिए, क्योंकि पुलिस-प्रशासन के भारी भरकम दावे अपनी जगह कायम हैं और सुरक्षा से जुड़ा सच अपनी जगह। सुरक्षा कर्मी हैं मगर महज व्यवस्था बनाने को न कि सिक्योरिटी के लिए। मेटल डिटेक्टर भी हैं लेकिन मालूम नहीं कब फंक्शन करते हैं और कब खामोश हो जाते हैं। वह तो अब तक पहाड़ को देश के कुछ हिस्सों की तरह किसी आतंकी घटना से रूबरू नहीं होना पड़ा है, अन्यथा जिस तरह कोई भी बगैर ज्यादा जांच-परख और रोक-टोक के बदरी-केदार जैसे महत्वपूर्ण मंदिरों में प्रवेश पा जाता है, वह स्वयं में गंभीर चिंता का विषय है। चार धाम यात्रा में हर साल उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ से प्रदेश सरकार और स्थानीय व्यापारी उत्साहित हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इस वजह से सुरक्षा को लेकर उपजी चिंताएं भी बढ़ रही हैं। हालांकि प्रशासन का दावा है कि सुरक्षा में कहीं कोई कमी नहीं है लेकिन हकीकत पर नजर दौड़ाएं तो स्थिति अलग है। सुरक्षा के व्यापक इंतजामों के बावजूद बदरीनाथ में प्रवेश के दौरान खामियां बरकरार हैं, वही गंगोत्री-यमुनोत्री में साधुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जो चौंकाती है। देशभर में धार्मिक स्थलों के आतंकी निशाने पर आने के बाद से तीर्थस्थलों की सुरक्षा एक अहम बड़ा सवाल बन गई है। ऐसे में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की संवेदनशीलता को समझाा जा सकता है। गुजरे समय में अक्षरधाम, संकटमोचक मंदिर और मुंबई पर आतंकी हमलों ने इन सवालों को और भी अहम बना दिया है। देवभूमि उत्तराखंड में स्थित करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बदरीनाथ धाम पर नजर डालें तो यहां एक प्लाटून पीएसी और पुलिस के कंधों पर ही सुरक्षा का बोझा है। हालांकि मंदिर के आसपास के परिसर में अत्याधुनिक कैमरों से नजर रखी जा रही है और मेटल डिटेक्टर्स भी लगे हैं लेकिन इनकी परीक्षा की घड़ी अब तक नहीं आई है लिहाजा ये इंतजामात कितने दुरुस्त हैं, निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। अलबत्ता, चमोली जनपद के एसपी विम्मी सचदेवा इंतजामों से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि पुलिस समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाती रहती है। किसी भी चूक से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी प्रवेश चंद्र डंडरियाल का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण छह स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। बावजूद सुरक्षा इंतजामों को फुलप्रूफ नहीं कहा जा सकता। मंदिर में प्रवेश को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से कई खामियां बरकरार हैं, जिन्हें दूर किए जाने की जरूरत है। इसी तर्ज पर केदारनाथ धाम की सुरक्षा को लेकर भी पुलिस पूरी तरह संतुष्ट है। मंदिर परिसर में क्लोज सर्किट कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखने के साथ ही अत्याधुनिक उपकरणों से तलाशी भी ली जा रही है। रुद्रप्रयाग जिले के अपर पुलिस अधीक्षक एचस खाती ने बताया कि वर्तमान में फोर्स की कोई कमी नहीं है और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह संतोषजनक हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री में भले ही सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस निश्चिंत दिखायी दे रही हो, लेकिन स्थिति उतनी बेहतर नहीं है। यहां जो खास बात देखने में आ रही है, वह थोड़ा चौंकाने वाली है। पिछले सालों की अपेक्षा गंगोत्री धाम में साधुओं और भिखारियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। साधुओं और भिखारियों की संख्या में हुआ यह इजाफा निश्चित ही पुलिस और प्रशासन के लिए चिंता का विषय है। हालांकि पुलिस का दावा है कि सुरक्षा में कहीं कोई सुराख नहीं है। उत्तरकाशी के एसपी मुख्तार मोहसिन ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री की सुरक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही। गंगोत्री की सुरक्षा के लिए 120 सिपाही तैनात हैं। पुलिस कप्तान ने बताया कि यात्रा शुरू होने के बाद सत्यापन अभियान तेज किए गए हैं। सुरक्षा की यही व्यवस्था यमुनोत्री के लिए भी की गई है। पुलिस भले ही सुरक्षा व्यवस्था चौकस होने का दावा कर रही हो, लेकिन सच्चाई यही है लाखों की संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं पर नजर रखना आसान काम नहीं। पुलिस के पास स्टाफ और उपकरणों की कमी ने समस्या को और भी दुरुह बनाया है। --- सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम: सुभाष कुमार देहरादून: प्रमुख सचिव (गृह) सुभाष कुमार के मुताबिक देवभूमि स्थित चार धामों की सुरक्षा को पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैैं। श्री कुमार ने बताया कि पर्वतीय अंचल में स्थित भगवान बदरीनाथ, भगवान केदारनाथ के साथ ही गंगोत्री एवं यमुनोत्री धामों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सभी देवस्थलों पर पुलिस के साथ ही पीएसी के जवानों को भी तैनात किया गया है। प्रवेश द्वारों पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैैं तो सुरक्षा कर्मियों के पास मेटल डिटेक्टर भी उपलब्ध है। कई स्थानों पर सीसी टीवी की व्यवस्था भी कई है। प्रमुख सचिव ने बताया कि हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर भी सुरक्षा के जरूरी इंतजामात किए गए हैैं।

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