Tuesday 12 May 2009

पौड़ी -महारथियों की साख दाव पर

इस सीट पर वैसे तो 13 उम्मीदवार हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। बसपा, उक्रांद व वामपंथी केवल इन दोनों दलों के मत काटने तक ही सिमटते दिखाई दे रहे हैं। इस सीट पर सियासी समीकरण फिट करने के लिए पिछले दो महीने में खूब उठा-पटक रही है। भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक यशपाल बेनाम ने पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सरकार में शामिल उक्रांद के एकमात्र कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने पद से इस्तीफा तो दिया, लेकिन समर्थन वापसी पर पार्टी खामोश है। राज्य की सियासत में आए इस बदलाव को सभी की चुनावी जरूरत ही माना जा रहा है। उत्तराखंड में हाट सीट बने पौड़ी गढ़वाल में भाजपा व कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबला है। भाजपा ने मौजूदा सांसद ले. जनरल टीपीएस रावत को उतारा है तो कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल महाराज पर दांव लगाया है। यह सीट मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा से जुड़ी है, लिहाजा भाजपा किसी भी मामले में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। देहरादून से मनमोहन शर्मा की रिपोर्ट: पौड़ी: महारथियों की अग्निपरीक्षा दिग्गजों का इम्तिहान राजनीतिक ताकत के पैमाने पर देखें तो मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मातबर सिंह कंडारी, राजेंद्र भंडारी व विधानसभा उपाध्यक्ष विजया बड़थ्वाल का यह गृह क्षेत्र है। मंत्री पद छोड़ने वाले उक्रांद के दिवाकर भट्ट भी इसी क्षेत्र से हैं। कांग्रेस विधायक दल के नेता हरक सिंह रावत व पूर्व ऊर्जा राज्य मंत्री अमृता रावत भी यहीं से हैं। ऐसे में दोनों दलों के महारथियों के प्रभाव की परीक्षा भी चुनाव में होनी है। इतिहास का आईना पौड़ी लोकसभा सीट को देश में तब पहचान मिली, जबकि 1981 में स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को चुनौती देते हुए यहां से चुनावी मोर्चे पर फतह हासिल की। 1991 से इस सीट पर भाजपा का ही दबदबा रहा। केवल एक बार 1996 में यह सीट कांग्रेस की झोली में गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी चार बार इस क्षेत्र से सांसद रहे। वर्ष 2008 के उपचुनाव में कांटे की टक्कर में भाजपा के टीपीएस रावत ने सर्विस मतों के आधार पर जीत दर्ज की। सीएम ने संभाला मोर्चा, कांग्रेस ने भी झोंकी ताकत कांग्रेस के संत के मुकाबले में भाजपा के जनरल कांटे की टक्कर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी क्षेत्र में जनसभा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भी तूफानी सभाएं की हैं। कांग्रेस के लिए युवराज राहुल गांधी ने जनसभा की।

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