Thursday 14 May 2009

उदक कुंड का जल ग्रहण करने से मिलता है मोक्ष

करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम को मोक्ष का धाम भी कहा जाता है। यहां स्थित प्रत्येक वस्तु शिव तत्व से जुड़ी है। इन्हीं में से एक है उदक कुंड। किवदंती है कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में शिव भोले का अभिषेक किया पानी इस कुंड में जमा होता है। इस कारण उदक कुंड का पानी हमेशा मैला ही रहता है। देश-विदेश से आए तीर्थयात्री इस कुंड के पानी को अपने साथ ले जाते हैं। कहा जाता है कि उदक कुंड के जल के छिड़काव मात्र से स्थान शुद्ध हो जाता है। मंदिर परिसर से मात्र पचास मीटर की दूरी पर स्थित उदक कुंड का अपने में अलग ही महत्व है।इस कुंड में मौजूद पारे को जल अपने साथ बहा कर ले जाता है, जबकि अन्य सामान्य जल में पारा ऊपर की ओर आता है। तीर्थपुरोहित जय प्रकाश शु1ला का कहना है कि उदक कुंड के जल का विशेष महत्व है। उदक कुंड के बारे में केदारखंड में वर्णित है कि केदार उदकम पित्वा, पुनर्जन्म न विद्यते। अर्थात उदक कुंड के जल को ग्रहण कर मनुष्य जन्म-मृत्यु के फेर से मुक्ति पाकर मोक्ष प्राप्त करता है।

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