Wednesday 27 May 2009

बदलेगी बदरीनाथ की तस्वीर

करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र बदरीनाथ धाम की तस्वीर अगली यात्रा तक बदल जाएगी। नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन एनटीपीसी के सहयोग से बदरी-केदार मंदिर समिति मंदिर व इसके आसपास के क्षेत्र के कायाकल्प की योजना बना रही है। इसके तहत मुख्य मंदिर के चारों ओर पत्थर के फर्श को हटाकर वुडन फर्श का निर्माण व अन्य छोटे मंदिरों के सौंदर्यीकरण का काम प्रस्तावित है। इस काम के लिए एनटीपीसी ने करीब पचास लाख रुपये की रकम समिति को आवंटित भी कर दी है। बदरीनाथ धाम में यात्रा सीजन के दौरान भी काफी ठंड रहती है। मंदिर के चारों ओर पहले सीमेंट का फर्श था, जिसे कुछ वर्ष पूर्व राजस्थान से खास पत्थर मंगाकर दोबारा तैयार किया गया था। इससे मंदिर की सुंदरता तो बढ़ी, लेकिन दर्शन को आने वाले तीर्थयात्रियों को ठंड के चलते पत्थर के फर्श पर घंटों कतार में लगे रहने से खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए अभी हाल ही में मंदिर समिति ने यहां जनपद में जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण करा रही कंपनी एनटीपीसी को फर्श निर्माण व सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव दिया गया था। जानकारी के मुताबिक एनटीपीसी के सीनियर मैनेजर वीपी पांडेय ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 49 लाख 90 हजार 439 रुपये मंजूर होने की जानकारी मंदिर समिति को दे दी है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी व एसडीएम जोशीमठ प्रवेश चंद्र डंडरियाल ने बताया कि स्वीकृत राशि से मुख्य मंदिर के चारों ओर ट्रीटेट वुडन फर्श का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। ट्रीटेट बुड की खासियत है कि यह खराब नहीं होती और इसमें कीड़ा लगने की भी संभावना नहीं रहती। साथ ही फर्श दिखने में भी आकर्षक होगा। इसके अलावा व्यास गुफा, गणेश गुफा, वसुधारा, माणा में सरस्वती संगम के सौन्दर्यीकरण, सिंहद्वार के चारों ओर मरम्मत, अणीमठ में वृद्ध बदरी और जोशीमठ में कल्पवृक्ष के चारों ओर सुरक्षा बाड़ के निर्माण किए जाने हैं। श्री डंडरियाल ने बताया कि इस कार्य के लिए विशेषज्ञों की राय व वुडन स्पेशलिस्टों की मदद ली जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर समिति की बैठक में अनुमोदन के बाद जल्द ही यह कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

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