Monday 11 May 2009

समुद्री लुटेरों ने ले ली दून के सुमन की जान

सोमालिया में अपहृत जहाज पर ऑर्डिनरी सीमन पद पर तैनात था कंपनी की ओर से सकुशल वापसी के लगातार दिए जा रहे थे आश्वासन देहरादून।रविवार को आई मनहूस खबर ने दूनवासियों को गमजदा कर दिया। उ8ाराखंड का एक लाल सोमालियाई समुद्री लुटेरों की दरिंदगी का शिकार बन गया। जनवरी में यमन के पास हाईजैक पोत एमटी सी प्रिंसेस टू में दून निवासी सुधीर सुमन की समुद्री डाकुओं ने गोली मारकर हत्या कर दी। सुमन की बॉडी को साढ़े चार महीने से ज्यादा समय तक फ्रिज में रखने के बाद समुद्र में फेंक दिया गया। डायरे1ट्रेट ऑफ शिपिंग की ओर से जारी सूचना में यह जानकारी दी गई है। दून के अधोईवाला में रहने वाले परिजनों को पोत के हाईजैक होने और मौत की दुखद घटना की सूचना रविवार को मिली तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सोमालियाई लुटेरों ने इस बार दून को बड़ा ज2म दे ही दिया। इससे पहले पिछले वर्ष भी सोमालियाई लुटेरों द्वारा अपहृत शिप में दून निवासी कैप्टन प्रभात गोयल फंसे थे। करीब ७२ दिनों बाद उनकी रिहाई हो सकी थी। इस बार बुरी खबर अधोईवाला निवासी सुधीर सुमन की मौत के रूप में मिली। ऑर्डिनरी सीमेन के पद पर कार्यरत सुधीर जिस पोत एमटी सी प्रिंसेस टू में सवार थे, वह एक जनवरी को यमन से चला था। इस पोत में २२ लोग सवार थे, जिसमें १८ भारतीय थे। पोत को सोमालिया के समुद्री डाकुओं ने दो जनवरी को हाईजैक कर लिया था। विरोध करने पर सुधीर को समुद्री डाकुओं ने गोली मार दी और उसके शव को फ्रीजर में रख दिया। पोत में सवार अन्य लोगों को कड़ी चेतावनी दी कि यदि किसी ने भी इसकी खबर यहां से बाहर पहुंचाई तो उसका भी यही हश्र किया जाएगा। चेतावनी के बाद मामला जहाज तक ही सीमित रह गया। तकरीबन साढ़े चार महीने बाद समुद्री लुटेरों ने २६ अप्रैल को शव समुद्र में फेंक दिया। पोत में ही सवार दून निवासी सेकेंड ऑफिसर अनुपम भट्टाचार्य के पिता कर्नल दिलीप कुमार ने बताया कि बेटे से बातचीत के दौरान इस घटनाक्रम का पता चला है। कंपनी ने पोत के हाईजैक की सूचना तक परिजनों को नहीं दी थी। पहली बार रविवार को कंपनी की ओर से परिजनों को सुधीर सुमन की मौत की खबर दी गई। यह जानते ही घर में मातम छा गया। देर शाम गमगीन बड़े भाई सुनील सुमन कंपनी से काफी नाराज दिखे। उन्होंने बताया कि कंपनी से बार-बार बातचीत के बावजूद उन्हें इस दुखद घटना की जानकारी नहीं दी गई। बल्कि, अधिकारी यही कहते रहे कि पोत में तकनीकी खराबी की वजह से बातचीत कराना मुमकिन नहीं है। साथ ही आश्वासन देते रहे कि सुधीर ठीक है और जल्द ही सकुशल घर वापस आ जाएगा।

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