Monday 23 February 2009

जनरल की कर्मियों पर मेहर

देहरादून, : सरकार चुनावी बेला पर चिकित्सकों व कर्मचारियों पर मेहरबान हुई है। शिक्षा मित्रों के लिए बीटीसी प्रशिक्षण का रास्ता खोल दिया है, जबकि संविदा चिकित्सकों के मानदेय को बढ़ाया गया है। टिक्कू समिति की सिफारिश के अनुरूप अब राज्य में चिकित्सकों के सामान्य व विशेष संवर्ग होंगे। माइक्रो हाइडिल में ग्राम समिति का अंशदान घटाकर आठ प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने उत्तराखंड संस्कृत परिनियमावली संशोधन, पैरा मेडिकल काउंसलिंग बिल सदन में लाने, विकलांगों व पूर्व सैनिकों के लिए क्षैतिज आरक्षण, निजी विश्वविद्यालयों के अन्य राज्यों में शाखा खोलने में संशोधन, वाणिज्य कर सेवा नियमावली में संशोधन तथा श्रीनगर मेडिकल कालेज में संविदा भर्तियां जारी रखने संबंधी निर्णय भी किए हैं। इसके साथ ही लोनिवि में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की संविदा अवधि एक वर्ष बढ़ाई गई है। मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे ने मीडिया सेंटर में आयोजित ब्रीफिंग में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि स्नातक व स्नातकोत्तर शिक्षा मित्रों को दो वर्ष का बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम आयु 19 वर्ष होगी। अधिकतम आयु पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। टिक्कू समिति की सिफारिशों के अनुरूप अब चिकित्सकों के सामान्य व विशेष संवर्ग होंगे। चिकित्सा विभाग में संविदा के आधार पर कार्य कर रहे चिकित्सकों का न्यूनतम मानदेय 25 हजार कर दिया गया है। सामान्य चिकित्सक को 25, डिप्लोमाधारी को 27 तथा विशेष को 29 हजार मानदेय मिलेगा। दुर्गम क्षेत्र में सामन्य चिकित्सक के लिए 29, डिप्लोमाधारी के लिए 31 व विशेष के लिए 33 हजार का मानदेय होगा। अतिदुर्गम में सामान्य चिकित्सक को 30, डिप्लोमाधारी को 32 तथा विशेष को 34 हजार रुपये का मानदेय मिलेगा। श्रीनगर मेडिकल कालेज में स्थायी चिकित्सक मिलने तक संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति जारी रहेगी। इसके लिए समिति गठित होगी। कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत 123 कनिष्ठ अभियंताओं की संविदा अवधि एक वर्ष के लिए बढ़ा दी है। राज्य के मूल निवासी विकलांगों व पूर्व सैनिकों के लिए क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था को हरी झंडी मिल गई है। राज्य के पांच निजी विश्वविद्यालय अब सीधे अन्य राज्यों में शाखा नहीं खोल सकेंगे। इस संबंध में संशोधन प्रस्ताव है। उत्तराखंड संस्कृत विद्यालय परिनियमावली संशोधित की जाएगी। नई व्यवस्था में शिक्षकों की भर्ती के लिए सामान्य अभ्यर्थी को स्नातक में 45 प्रतिशत तथा एससी-एसटी को 40 प्रतिशत अंक की अनिवार्यता होगी

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