Wednesday 21 January 2009

आठ राज्यों से होगा यूके का परिवहन समझौता

21 jan-देहरादून: उत्तराखंड की सीमा में बेरोकटोक चल रही बाहरी राज्यों की बसों पर शासन ने लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य सरकार बसों के संचालन को लेकर आठ राज्यों के साथ परिवहन समझौता करने जा रही है। इस कड़ी में सबसे पहले जनवरी के अंतिम सप्ताह में पंजाब के साथ सचिव स्तरीय वार्ता की जाएगी। इसके बाद अन्य राज्यों से बातचीत की जाएगी। मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में सचिव परिवहन व मंडलायुक्त गढ़वाल डा. उमाकांत पंवार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देखने में आया है कि परिवहन समझौता न होने के चलते अन्य राज्यों की बसों का उत्तराखंड में आवश्यकता से अधिक संचालन हो रहा है, जिससे निगम व राज्य सरकार को राजस्व का खासा नुकसान हो रहा है। समझौता होने से बाहरी राज्यों की बसों के लिए संचालन की दूरी निर्धारित हो जाएगी। इसके तहत 28 व 29 को पंजाब से सचिव स्तरीय वार्ता होगी। फरवरी के पहले सप्ताह में यूपी व दिल्ली से वार्ता की जाएगी। दो माह के भीतर ही सभी आठ राज्यों से समझौते की अंतिम रूप रेखा तय कर दी जाएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के साथ तो इसी मुद्दे पर उत्तराखंड परिवहन निगम की लंबे समय से तनातनी भी रही, जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा। उत्तराखंड की मजबूरी है कि उसकी अधिकतर बसें उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड परिवहन निगम यूपी की बसों पर चाहते हुए भी लगाम नहीं लगा सका। इसी तरह अन्य राज्यों की बसें भी उत्तराखंड में धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। राजस्व के लगातार होते नुकसान को देखते हुए शासन ने अब उन राज्यों से परिवहन समझौता करने का निर्णय लिया है, जहां उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें संचालित हो रही हैं। इन राज्यों से होगा समझौता जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान व मध्य प्रदेश

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