Tuesday 21 October 2008

धना, धना, धनुली धन तेरो परान.

नैनीताल शरदोत्सव में लोक गायक हीरा सिंह राणा ने कई दिलकश प्रस्तुतियां दी। दिल्ली के हाइलेंडर ग्रुप के बैनर तले श्री राणा ने गीतों के माध्यम से पहाड़ में खत्म होते सामाजिक, राजनीतिक मूल्यों पर चिंता जताई। 67 वर्षीय श्री राणा ने पहला गीत आजकल हैरे ज्वांन, मेरी न्यौली पराण., धना, धना, धनुली धन तेरो परान., मैं तेरी नराई लागी दीपा कोई निशानी. आदि लोक गीत गाकर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। युवा से लेकर बुजुर्ग तक उनके गीतों में झूम उठे। इसी दल के विशन हरियाला ने पुष्पा लुकी रै. गीत प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। इंदू हरबोला ने मोहना-मोहना. गीत प्रस्तुत किया। इसी दल द्वारा मोहन तेरी मुरली बाजी, ग्वाल बाल का संग., बारह बरस की तपस्या द्वारिका जाए संग. गीत की प्रस्तुति दी। सुर भारती हल्द्वानी के कलाकारों ने बागेश्र्वर की विमला छोरी., संगम सांस्कृतिक कला मंच देहरादून द्वारा गढ़वाली व जौनसारी संस्कृति पर आधारित आकर्षक प्रस्तुतियां दी।

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